अस्पताल, स्कूल और सुधार केन्द्रों के quality से सामजिक परिपक्वता की पहचान होती है। अगर ये गंदे हों या इनके service में कमी हो तब हम देश की जनता को उच्च quality of life नहीं दे सकते। और इसमे केवल प्रशाशन का ही नहीं सभी का योगदान महत्वपूर्ण और अपेक्षित है।
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